मैं और मय में क्या अहम?
जिंदगी क्या?
है एक वहम?
गैर हैं?
या एक ही?
ये तुम और हम?
करेगा दिल?
खुद पर ही तू
कुछ तो रहेम?
लाख नखरे
रहने दे
दर्द सहुंगा
सहने दे
आग हूं
तो जलने दे
आब हूं
तो बहने दे
अहम क्या है?
क्या पता?
तू कहां है?
लापता?
कोई ना खुद से
राब्ता
मिलेगा भी तू?
तू बता…?
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